15-11-13  ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन

“कोई भी बात आये उसे बाप को देकर आप मुस्कराते रहो”

सभी खुशनुमा बच्चों को देख बापदादा बहुत-बहुत खुश हो रहे हैं। वाह मेरे खुशनसीब, खुशनुमा बच्चे वाह। सभी के दिल में बापदादा समाया हुआ है। हर बच्चे के चेहरे से स्नेह की खुश्बू आ रही है। सदा हर बच्चा खुश आबाद रहने वाली आत्मायें है। बापदादा एक-एक बच्चे की मुस्कराती हुई सूरत को देख खुश है। सदा ऐसे ही मुस्कराते खुशी में नाचते बढ़ते चलो, बढाते चलो। हर बच्चे के मस्तक में बापदादा चमकते हुए सितारे को देख रहे हैं। अच्छा।

आज़ सर्व बच्चों की याद की आकर्षण बापदादा को पहुंच रही है। सदा खुश है और सदा खुश रहेंगे। कोई भी बात आये, बात बाप को दे दो और आप मुस्कराते रहो। अच्छा। आज शरीर के कारण सभी बच्चों को आहूवान से बापदादा सबसे मिलन मना रहे हैं। अच्छा। आज शरीर के कारण छोटी सी मुलाकात हो रही है। चारों और के बच्चे सुन भी रहे हैँ और नयनों से मिलन भी मना रहे हैं। बापदादा बच्चों के मिलन को देख कितने खुश होते हैं, वह हर एक बच्चा जान सकते हैं। अच्छा।

आज का ग्रुप बिशेष जो आये हैं, हाथ उठाओ, (कर्नाटक जोन के सेवाधारियों सहित 15 हजार भाई बहिनें आये हैं) जो अभी आये हैं। सभी को मुबारक है, मुबारक है, मुबारक है। अच्छा। बापदादा चारों और के बच्चे जो चात्रक हो सुन रहे हैं देख रहै हैं उन सभी को बहुत बहुत याद प्यार दे रहे हैं। आप सभी को तो सन्मुख यादप्यार मिल रहा है। लेकिन चारों और के बच्चे बहुत स्नेह पूर्वक आश लगाकर बैठते हैँ। उन आशा रखने वाले बच्चों को जैसे बच्चे देख रहे हैं वैसे बापदादा भी देख रहे हैं। सभी से बापदादा नयनों का मिलन मना रहे है। अच्छा।a

निमित्त बने हुए चाहे पाण्डव हैँ , चाहे शक्तियां है, सभी सहयोगी और स्नेही बन अपना अपना कार्य कर रहे हैँ और करते रहेंगे।

(मोहिनी बहन , मुन्नी बहन 7 दिन के लिए दुबई जा रहे है) बनाया है तो जाना ही है। (आपकी मदद तो चाहिए) मदद देने के लिए बंधा हुआ है। (दादी जानकी जी ने विदेश के बहिनों की याद दी)

जिन्होंने भी यादप्यार भेजा है उन सबको बापदादा दष्टि देते हुए यादप्यार दे रहें हैं।

ओम् शान्ति।